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मंथन
संस्कृत पाठ्य पुस्तक प्रवेशिका - भाग III : इस श्रृंखला में भाषा-शिक्षण की सरल पद्धति अपनाई गई है। शिक्षण को सरल व रोचक बनाने का प्रयास किया गया है। सामान्यत: छोटे व सरल वाक्यों के माध्यम से विषय को समझाने को प्रयास किया गया है। हितोपदेश व पंचतंत्र की कथाओं के साथ कुछ नई कथाओं का भी समावेश है। प्रत्येक पाठ के अंत में दिए गए शब्दार्थ, नई धातुएँ, अव्यव और संधि-विच्छेद छात्रों का शब्दकोष-ज्ञान बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे। चार भागों में निबद्ध इस श्रृंखला की रचना सी०बी०एस०ई० तथा आई०सी०एस०ई० द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमोें के आधार पर की गई है।

संस्कृत व्याकरण प्रवेशिका - भाग III तथा कक्षा IX - X संस्कृत को ‘देववाणी’ कहा जाता है। यह भाषा दिव्य, मधुर और समृद्ध है। इस भाषा को जैसा हम लिखते हैं, वैसा ही बोलते हैं। अत: इसके शुद्ध उच्चारण व लेखन के लिए व्याकरण का ज्ञान अत्यावश्यक है। व्याकरण के नियमों को भली-भांति समझकर ही भाषा का शुद्ध ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। संस्कृत व्याकरण की इस श्रृंखला में सी०बी०एस०ई० तथा आई०सी०एस०ई० द्वारा निर्धारित विषयों को सरल एवं नवीनतम शैली में प्रस्तुत करके व्याकरण को रुचिकर बनाने का प्रयास किया गया है।

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